Saturday, May 11, 2024
गोरखपुर, जीपीएन न्यूज। पूर्वांचल के जाने-माने यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर रितेश कुमार सिंह एमसीएच का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वह अपने मरीजों पर नई तकनीकों के प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। अभी हाल में सिटी हॉस्पिटल में एडमिट एक मरीज जो पेट दर्द और लगातार उल्टी के कारण परेशान था और कई हॉस्पिटलों के चक्कर लगा चुका था। जहां से उसे हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। अंत में किसी ने डॉक्टर रितेश का नाम बताया और वह मरीज उनसे मिलकर अपनी अपनी बीमारी के बारे में बताया उन्होंने उसको आश्वस्त किया और उसका जांच करवाया।
जांच के बाद पता चला कि उसके दोनों गुर्दों में बड़ी बड़ी पथरी है। मरीज को पथरी निकालने के तरीकों जैसे ई एस डब्ल्यू, एल पी सी, एन एल मिनी, पी सी एन एल और आर आई आर एस के बारे में बताया गया। मरीज को बताया गया कि एक बार में एक ही गुर्दे की पथरी निकाली जाएगी और एक महीने बाद दूसरे की। लेकिन मरीज इसके लिए तैयार नहीं हुआ। वह दोनों गुर्दे की पथरी एक साथ निकलवाना चाहता था। इसके लिए डॉक्टर ने आर आई आर एस यानी रेट्रोग्रेड इंट्रारीनल सर्जरी के बारे में बताया। जिसकी मदद से उसके दोनों गुर्दे का 2 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद पथरी को पूर्णतया निकाल दिया गया।
आर आई आर एस तकनीक क्या है?
आर आई आर एस तकनीक के बारे में बताते हुए डॉक्टर रितेश कुमार सिंह ने कहा के इस प्रक्रिया में किडनी के अंदर यूरेटेरोस्कोप की मदद से की जाने वाली सर्जरी में रेनोस्कोप को मूत्रमार्ग से किडनी तक पहुंचाया जाता है और वहां बनने वाले स्टोन को लेजर किरणों से तोड़ा जाता है इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें टांका या चीरा नहीं लगाया जाता और मरीज सर्जरी के अगले दिन घर जा सकता है और उसके अगले दिन अपनी सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकता है।
सर्जरी टीम में ये रहे शामिल
इस सर्जरी में डॉ रितेश कुमार सिंह, यूरोलॉजिस्ट एमसीएच डॉक्टर बी एन सिंह, एनएसथेटिस्ट परमात्मा शुक्ला, टेक्निशियन सहायक वीरू प्रजापति, ओटी टेक्नीशियन ह्रदय और संजना का विशेष सहयोग रहा। बातते चलें कि अभी यह तकनीकी केवल पूर्वांचल में सिटी हॉस्पिटल में ही उपलब्ध है।
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